उत्तरप्रदेश चुनाव: इस बार के चुनाव में अखिलेश और प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी को रोड़ पर उतरने मजबूर कर दिया
उत्तर प्रदेश चुनाव: क्या पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र बनारस की महत्वपूर्ण आठ सीटों को इस बार बचा पाएंगे!
वाराणसी(उत्तरप्रदेश)।देश में होने जा रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के प्रचार का आज अंतिम दिन था। जिसके लिए यूपी में सात मार्च को 54 सीटों पर होने वाले सातवें और अंतिम चरण के चुनाव के वोट डाले जाएंगे। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है चूंकि बनारस की आठ विधानसभा सीटें भी इसमें सम्मिलित हैं।सातवें चरण में वाराणसी की वाराणसी दक्षिण, वाराणसी कैंट, वाराणसी उत्तर, रोहनिया, पिंडरा, अजगरा, सेवापुरी और शिवपुर में भी वोट डाले जाएंगे,जो की प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र में आता है।अब सवाल यह है कि क्या मोदी इस बार अपना गढ़ बचा पाएंगे?
साल 2017 के चुनावों में बीजेपी गठबंधन ने बनारस की आठों सीट पर अपना परचम लहराया था। पर इस बार ऐसा हो पायेगा संदेह है।इसलिए भी की पिछले विधानसभा चुनावों के उलट इस बार परिस्थितियां कुछ बदली हुई हैं। ओमप्रकाश राजभर बीजेपी का साथ छोड़कर अखिलेश की साइकिल पर सवार हो गये हैं और अपना दल मां-बेटी के आपसी मतभेदों के चलते दो भागों में बंट गया है। बेटी यानी अनुप्रिया पटेल अपना दल (स) बीजेपी के साथ हैं तो मां कृष्णा पटेल अपना दल कमेरावादी अखिलेश के साथ कदम से कदम मिला कर हुंकार भर रहे हैं,तो दूसरी तरफ़ कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव भी यहां अपना ठिकाना बनारस को बना लिया है।सपा के सपोर्ट में तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने भी वाराणसी का दौरा कर अखिलेश को जीत दिलाने कमर कस ली है।
वाराणसी प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के कारण इस बार यहां चुनाव बहुत ही रोचक हो गया है। खुद मोदी 3 मार्च से यहाँ जमे हुए हैं।इसके पीछे की वजह ये बताई जा रही है कि स्थानीय स्तर पर प्रत्याशियों के प्रति लोगों की नाराज़गी बीजेपी के लिए मुश्किलें पैदा कर रही हैं।इसके चलते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ख़ुद बनारस की सड़कों पर हैं। शुक्रवार को उन्होंने बनारस में रोड शो भी किया। ये यात्रा मलदहिया चौराहे से शुरू होकर लहुराबीर, मैदागिन चौक होते हुए विश्वनाथ कॉरिडोर पहुंची। जहां नरेन्द्र मोदी ने दर्शन-पूजा भी की इस बहाने बीजेपी अपने हिन्दुत्व के एजेंडे को भी साधने की कोशिश में है। दरअसल प्रधानमंत्री की सीट होने के कारण क्षेत्र में जो भी कार्य होता है उसे पार्टी पूरे देश में एक मॉडल की तरह पेश करती है। कहा जाता है कि बनारस बीजेपी के विकास कार्यों का ग्लोशाइन बोर्ड है।
प्रधानमंत्री के रोड शो के बाद सपा का भी रोड शो शुरू हुआ। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इस रोड शो में शामिल हुए। रोड शो के लिए दो घंटे की ही अनुमति मिली थी।अखिलेश यादव का रोड शो भारत माता मंदिर से रात तक़रीबन आठ बजे शुरू हुआ जो सिगरा, रथयात्रा , गुरुबाग, लक्सा होते हुये गिरजाघर पर ख़त्म हुआ। रोड शो में भारी संख्या समाजवादी पार्टी भीड़ जुटी थी,जो भाजपा के लिए चिंता का विषय हो सकता है। इस दौरान रास्ते में किसी भी स्थान पर जनसभा करने की अनुमति नहीं थी।अखिलेश यादव ने गुरुवार को भी वाराणसी में ममता बनर्जी के साथ बड़ी रैली में शामिल हुये थे।अब देखना है मोदी के गढ़ में विपक्षी पार्टी की सेंधमारी कहाँ तक हो पाती है।