इस बार कांग्रेस के इस युवा व दबंग विधायक का 6 वां शादी की सालगिरह जानिये आखिर क्यों खास है...

विकास उपाध्याय को कांग्रेस की राजनीति में "सेल्फ मेड " के रूप में देखा जाता है और अपने खुद के मेहनत से कांग्रेस पार्टी में समर्पित होकर जिस तेज गति से प्रतिस्पर्धा के इस दौड़ में भी बहुत कम समय में राष्ट्रीय व प्रदेश की राजनीति के जिस मुकाम को विकास उपाध्याय ने हासिल किया है, वर्तमान राजनीति से जुड़े उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणादायी है जो आगे बढ़ने संघर्षरत हैं।

इस बार कांग्रेस के इस युवा व दबंग विधायक का 6 वां शादी की सालगिरह जानिये आखिर क्यों खास है...

रायपुर, पिछली विधानसभा सभा में रायपुर पश्चिम से भाजपा के एक कद्दावर मंत्री को पटकनी दे कर कांग्रेस से विधायक चुने गए युवा व दबंग छबि के विकास उपाध्याय जो आम जनता के दिलों में बस कर राज करते हैं। स्वभाव से हँसमुख तो दिखने में किसी राजकुमार से कम नही आज 6 साल हुए शादी को श्रीमती संजना उपाध्याय जो इनकी धर्मपत्नी हैं, पर विधायक के रूप में यह पहला साल है तो इस बार शादी की सालगिरह अपने आप में खास है।

विकास उपाध्याय को कांग्रेस की राजनीति में "सेल्फ मेड " के रूप में देखा जाता है और अपने खुद के मेहनत से कांग्रेस पार्टी में समर्पित होकर जिस तेज गति से प्रतिस्पर्धा के इस दौड़ में भी बहुत कम समय में राष्ट्रीय व प्रदेश की राजनीति के जिस मुकाम को विकास उपाध्याय ने हासिल किया है, वर्तमान राजनीति से जुड़े उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणादायी है जो आगे बढ़ने संघर्षरत हैं।

अपने परिवार से कोई राजनीति में न होने के बावजूद राजनीति को ही कैरियर बनाने की सोच विकास उपाध्याय को एक जनसेवक बना दिया और जन सेवा के मार्ग पर चलते हुए उसी जन समुदाय ने बना दिया विधायक पर आज भी मार्ग वही है, "जन सेवा" कम उम्र में कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI में राष्ट्रीय पदाधिकारी फिर प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी, इसके बाद युवा राजनीति में राष्ट्रीय पदाधिकारी के साथ- साथ कई प्रदेश के प्रभारी की भी जिम्मेदारी निभा चुके विकास प्रदेश के इकलौते युवा नेता हैं।  विकास उपाध्याय को इसी जिम्मेदारी ने राहुल गांधी के करीब आने का मौका भी दिया। कांग्रेस के जो कर्णधार दिल्ली में आज अपनी अहम जिम्मेदारी निभाने योगदान दे रहे हैं उन सभी से किसी न किसी रूप में विकास उपाध्याय की नजदीकियां अतीत में बनी रही और यही वजह है जो आज प्रदेश की फिड बैक  लेने दिल्ली व छत्तीसगढ़ के बीच एक सेतु की भूमिका के तौर पर भी विकास को देखा जाता है।

विकास उपाध्याय के साथ एक संयोग ये भी रहा कि भूपेश बघेल को जिस रूप में भी कांग्रेस पार्टी ने जिम्मेदारी दी उसी प्रोटोकॉल के अनुरूप विकास उपाध्याय को उनके साथ काम करने का अवसर मिला और वो ऐसे की भूपेश बघेल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे तो विकास उनके कार्यकाल पूर्ण होते तक उनके नेतृत्व में रायपुर जिलाध्यक्ष बन कर उनके अधीन काम कर मजबूती प्रदान करते रहे और आज जब भूपेश बघेल मुख्यमंत्री हैं तो विकास उपाध्याय विधायक होने के नाते उन्हें विधायक दल के  नेता के रूप में मजबूती प्रदान करने उनके साथ कदम से कदम मिलाते हुए सरकार की उपलब्धियों को जन जन तक पहुंचाने दिन रात लगे हुए हैं।

विकास उपाध्याय विधानसभा सभा का पहला चुनाव महज कुछ ही वोट से हार गए थे पर जनता ने  उसी समय संकेत दे दिया था कि अगली बार ये न होगा और संयोग से 2015 में शादी भी हो गई और इस बार के चुनाव प्रचार में उनकी पत्नी श्रीमती संजना उपाध्याय भी धुँआधार प्रचार करीं जिसका परिणाम सामने है तो योग ये भी था कि शादी के बाद राज योग प्रबल हो गया। विकास उपाध्याय के लिए इसलिए यह सालगिरह काफी खास है जो विधायक के रूप में पहला साल है