मोदी सरकार मणिपुर हिंसा को रोक क्यों नहीं पा रही है? महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न के FIR में है क्या।टीएस सिंहदेव ने क्या कहा...

मोदी सरकार मणिपुर हिंसा को रोक क्यों नहीं पा रही है? महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न के FIR में है क्या।टीएस सिंहदेव ने क्या कहा...

मणिपुर।प्रदेश में अब तक हिंसा के क़रीब पांच हज़ार मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इन घटनाओं में 142 अब तक जानें गई है।इस बीच जब19 जुलाई को दो महिलाओं को निर्वसत्र कर घुमाने और उनके साथ दुर्व्यवहार करने का मामला सामने आया तो पूरे देश भर में इसकी तीखी प्रतिक्रिया हुई है, ये घटना 4 मई की थी।सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को इस मामले में जल्द से जल्द कदम उठाने को कहा।इन सब के इतर देश के प्रधानमंत्री मोदी पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए हिंसा के शुरू होने के बाद से अब तक का अपना पहला बयान दिया है।इसमें भी उन्होंने कांग्रेस शासित दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ का नाम लेकर मणिपुर की हिंसा को कमतर आंकने की कोशिश की है।

बुधवार को मणिपुर की दो महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न का एक वीडियो सामने आया। मणिपुर पुलिस ने इस वीडियो की पुष्टि करते हुए बताया है कि ये महिलाएं बीते चार मई को मणिपुर के थोबल ज़िले में यौन उत्पीड़न की शिकार हुई थीं। घटना चार मई की है।इसमें अपहरण, गैंगरेप और हत्या का मामला अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ दर्ज किया गया है। मामले में जांच शुरू हो गई है। पुलिस दोषियों को पकड़ने की पूरी कोशिश कर रही है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िताओं ने बताया है कि तीन मई को आधुनिक हथियारों से लैस 800 से लेकर 1000 लोगों ने थोबल ज़िले में स्थित उनके गाँव पर हमला बोला और इन लोगों ने गाँव में लूटपाट करने के साथ ही आग लगाना शुरू कर दिया। ऐसी स्थिति में तीन महिलाएं अपने पिता और भाई के साथ जंगलों की ओर भागे।

शिकायत के मुताबिक़, पुलिस इन महिलाओं को बचाने में कामयाब भी हुई। पुलिस इन लोगों को थाने लेकर जा रही थी लेकिन थाने से दो किलोमीटर पहले ही भीड़ ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने इन महिलाओं को पुलिस से छीन लिया, जिसके बाद युवा महिला के पिता को मौके़ पर ही मार दिया गया। एफ़आईआर के मुताबिक़ तीनों महिलाओं को भीड़ के सामने निर्वस्त्र होकर चलने के लिए विवश किया गया। युवा महिला के साथ सरेआम गैंगरेप करने का आरोप है। एफ़आईआर के मुताबिक़ जब इस महिला के 19 वर्षीय भाई ने उसे बचाने की कोशिश की तो उसे भी मार दिया गया।

इस वीडियो के वायरल होने के बाद देश की राजधानी दिल्ली से लेकर पूरे देश में लोगों की नजर मणिपुर के हिंसक घटनाओं पर टिक गई है।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि प्रधानमंत्री की चुप्पी और निष्क्रियता ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया है।वहीं पीएम मोदी ने कहा,मणिपुर की घटना से मेरा हृदय दुख से भरा है। ये घटना शर्मसार करने वाली है। पाप करने वाले कितने हैं, कौन हैं वो अपनी जगह है, पर बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है। मैं मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि वो मां-बहनों की रक्षा के लिए कदम उठाएं।राजस्थान, छत्तीसगढ़, मणिपुर का ज़िक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''घटना चाहे किसी भी राज्य की हो, सरकार चाहे किसी की भी हो, नारी के सम्मान के लिए राजनीति से ऊपर उठकर काम करें।

पीएम के अपने बयान में छत्तीसगढ़ का जिक्र आने के बाद छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने मोदी को लेकर सधा हुआ बयान दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा,, "80 दिन, इतना वक्त लगा प्रधानमंत्री को 'मणिपुर' बोलने में, गुस्सा आने में! और, आज जब बोले भी तो ऐसा मानो, देश को नहीं, चुनावी रैली को संबोधित कर रहे हों। प्रधानमंत्री जी, क्योंकि आपने मणिपुर के साथ छत्तीसगढ़ का नाम लिया, तो आपको बता दें कि हमारे प्रदेश में कानून व्यवस्था बरकरार है, सुरक्षित शासन में है।"

"एनसीआरबी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में महिलाओं के खिलाफ अपराधिक मामले 62% कम हुए हैं, पहले की भाजपा सरकार के मुकाबले। इसलिए, जब मणिपुर की ओर आखिरकार आपका ध्यान गया है, तो कृपया वहां फैली हिंसा और नफरत मिटाएं। मणिपुर के भाइयों-बहनों को शांति की ज़रूरत है।"

उधर राष्ट्रीय युवा कांग्रेस मणिपुर हिंसा मामले में राज्य व केन्द्र सरकार को लगातार घेर रही है। दिल्ली में प्रदर्शन कर मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोला है।बता दें कि राहुल गांधी विपरीत परिस्थितियों में भी मणिपुर का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की है। कांग्रेस का आरोप है कि न तो केंद्र और न ही राज्य सरकार स्थिति पर नियंत्रण कर पा रही है। पार्टी पीएम मोदी पर मणिपुर मामले में चुप्पी साधने का आरोप लगाते रही है।