दस जनपथ के विश्वस्त मोहन मरकाम ने आज फिर से एक बार अपने नेतृत्व क्षमता का परिचय दे कर दिल्ली तक आवाज बुलंद की है...

दस जनपथ के विश्वस्त मोहन मरकाम ने आज फिर से एक बार अपने नेतृत्व क्षमता का परिचय दे कर दिल्ली तक आवाज बुलंद की है...

रायपुर(छत्तीसगढ़)।आज दिन था कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की प्रवर्तन निदेशालय- ईडी में पेशी का।ईडी के इस कार्यवाही का कांग्रेस देश भर में शुरू से विरोध करते आ रही है।इसके पूर्व राहुल गांधी से ईडी जब पूछताछ कर रही थी तो पूरी कांग्रेस दिल्ली में मौजूद था।आज सोनिया गांधी की दिल्ली में पहली पेशी थी और छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने एक रणनीति के तहत ईडी का विरोध यहीं से कर दिल्ली तक संदेश देने की ठान ली थी और हुआ भी वही। रायपुर में कांग्रेस ने ईडी के स्थानीय दफ्तर का घेराव करने ऐसा बंदोबस्त किया था कि कांग्रेस सरकार के रहते पिछले तीन वर्षों में शायद ही इस तरह का इतना प्रभावी विरोध प्रदर्शन हुआ हो।आज के विरोध प्रदर्शन को देखने से लगता है,संभवतः देश के किसी अन्य राज्य में ऐसा नहीं देखा गया।इससे यह भी साबित होता है कि समय के साथ मोहन मरकाम के नेतृत्व में कांग्रेस संगठन और भी मजबूत होते जा रही है। उन्होंने आज इस बात को फिर से एक बार प्रमाणित कर दिया है कि उनके नेतृत्व क्षमता में कोई कमी नहीं और  इसकी गुंज दिल्ली तक गई है।
 

पीसीसी चीफ मोहन मरकाम पिछले दिनों तब चर्चा में आये थे जब कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उनके सामान्य व्यवहार से उलट उस रूप को देखा था जब वो संघर्ष के दिनों में काम और ठोकर खाये वास्तविक कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हक को लेकर फट पड़े थे और भरी बैठक में कांग्रेस के ईमानदार सदस्यों ने ताली की गड़गड़ाहट के साथ उनका साथ दिया था। वैसे भी वे जब से अध्यक्ष के तौर पर पार्टी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। कांग्रेस के लोगों को लगता है कि अपने बीच का कोई अध्यक्ष बना है,जिनसे कोई भी सहज हो कर बगैर भय के बात कर सकता है अपनी बात रख सकता है।उनका यही व्यवहार कांग्रेस के सामान्य कार्यकर्ताओं को आगे आने और पार्टी संगठन के साथ काम करने का मौका भी दिया है।पार्टी हाईकमान के समक्ष भी वे समय-समय पर प्रदेश का वही फीडबैक देते हैं जो वास्तविक है और इसी वजह के चलते वे गांधी परिवार के विश्वस्त भी बनते गए।उनको दिल्ली में हाईकमान से मिलना हो तो आसानी से मिल लेते हैं और अपनी बात रख आ जाते हैं।

बहरहाल आज के विरोध प्रदर्शन की बात करें तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की अगुवाई में हजारों की संख्या में नेता-कार्यकर्ता सुबह 11 बजे से ही रायपुर के पुजारी पार्क स्थित ED दफ्तर के सामने पहुंच गए थे।ये कांग्रेस के वो सिपाही थे जो शहर से लेकर गांव के एक-एक गली से हाथ  में झंडा लिए इस विरोध प्रदर्शन में सम्मिलित होने आतुर थे।इसलिए कि इस बार बात सोनिया गांधी पर आई थी जिसके लिए कांग्रेस संगठन के पदाधिकारियों ने ऐसा प्रचार कर अपनी बात को उन तक पहुंचाई थी कि उन कार्यकर्ताओं में एक जुनून पैदा हो गया था। बरसात की स्थिति को देखते हुए पार्टी ने यहां बारिस से बचाव के लिए वॉटरप्रूफ भारी भरकम पंडाल लगवाया था। प्रदेश के दूसरे जिलों से भी बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के यहां पहुंचने से भीड़ पंडाल की क्षमता से बाहर हो गई थी। इस भीड़ में ब्लाक अध्यक्ष, ब्लाक पदाधिकारी, वार्ड पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी, पार्षद, पंचायत पदाधिकारी, महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पंचायत, नगर पालिका के पंचायतों के निर्वाचित पदाधिकारी भी शामिल थे।

 विधानसभा का प्रश्नकाल खत्म होने के बाद कांग्रेस के विधायक भी एक-एक कर यहां पहुंचने लगे। उसके बाद मंच पर जगह ही नहीं बचा। दोपहर बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और दूसरे मंत्री भी मंच पर पहुंच गए। इस दौरान वक्ताओं ने केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला।उधर ईडी का विरोध करने विधायक विकास उपाध्याय कल से दिल्ली में जमे हुए हैं।आज उनकी विरोध प्रदर्शन के बीच गिरफ्तारी भी हुई। दिल्ली से जारी एक बयान में उन्होंने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है। यह पहला मौका नहीं है जब गांधी परिवार पर भ्रष्टाचार के गलत आरोप लगाकर राजनीतिक हित साधने का प्रयास किया जा रहा है। बेदाग छवि के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की छवि को धूमिल करने 1980 और 1990 के दशक में बोफोर्स घोटाला लाया गया था। बी.पी. सिंह ने इसकी अगुवाई कर प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुँच गए थे, परन्तु झूठ की बुनियाद पर रची गई यह साजिश ज्यादा समय तक नहीं चली। उसके पहले ही बी.पी. सिंह की सरकार गिर गई और जांच के अन्त में तमाम आरोप निराधार साबित हुए।

विकास उपाध्याय ने कहा, केन्द्र की भाजपा सरकार आज उसी पदचिन्हों पर चलकर इस तरह का कृत्य करने केन्द्र सरकार के अधीन जाँच एजेंसियों को ढाल बनाकर खुला दुरूपयोग कर रही है। पूरे देश में आज आप देखेंगे, ईडी के निशाने पर सिर्फ राजनेता हैं और इसका भय दिखाकर जहाँ उनसे हो सक रहा है, सरकार को गिराने का काम लगातार कर रहे हैं। वहीं व्यवसाय से जुड़े देश भर के तमाम कालेधन माफिया मोदी राज में धड़ल्ले से अपनी काली कमाई स्वीस बैंक में जमा कर रहे हैं। आज की स्थिति में स्वीस बैंक में 30 हजार 500 करोड़ रूपये जमा हो चुके हैं जो पिछले 14 सालों का रिकॉर्ड है। विकास उपाध्याय ने पूछा कि आज भाजपा और मोदी सरकार काले धन की बात क्यों नहीं करती? वह यह क्यों नहीं बताती कि स्वीस बैंक में किनके पैसे जमा हैं और किनके हैं, सिर्फ दिखावे के लिए व्यवसायियों के यहाँ आईटी का छापा मारा जा रहा है। जबकि मूल उद्देश्य इस बहाने भाजपा अपने पार्टी फंड के लिए धन जूटाने का काम कर रही है,तो दूसरी ओर विपक्षी राज नेताओं को बदनाम करने लगी है।