अब इस युवा नेता की बात भी दिल्ली में सुनी जाएगी...खुद की मेहनत के दम पर बुलंदियों को छूता विकास उपाध्याय का राजनैतिक सफर...

अब इस युवा नेता की बात भी दिल्ली में सुनी जाएगी...खुद की मेहनत के दम पर बुलंदियों को छूता विकास उपाध्याय का राजनैतिक सफर...

नई दिल्ली।छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक ऐसा नाम जो कभी दिल्ली की भीड़-भाड़ और बड़े कांग्रेस नेताओं की चहलकदमी के बीच दब जाया करता था अब वो हिरे की तरह प्रकाशवान होने लगा है। मुझे वो दौर भी याद है जब एक मासूम सा लड़का घर बार छोड़ कांग्रेस संगठन में मिले जिम्मेदारी का निर्वहन करने वर्षों तक घर और प्रदेश को छोड़ बाहर हुआ करता था। तब उस युवा नेता विकास उपाध्याय के बारे में कोई सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन वह उन बुलंदियों को भी छुएगा की युवा रहते हुए ही दिल्ली तक उसकी गूंज सुनाई देगी।बात उन दिनों की है जब राहुल गांधी कांग्रेस की राजनीति में रुचि लेना शुरू किए और इसकी शुरुआत भी उन्होंने छात्र और युवा संगठन पर ध्यान केंद्रित कर किया तब संयोग से विकास उपाध्याय की राजनीति इन्हीं दो संगठन पर केंद्रित था और वे दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अहम हिस्सा हुआ करते थे। विकास उपाध्याय की कार्यक्षमता तब भी ऐसी थी कि राष्ट्रीय अध्यक्ष उन पर आँख बंद कर विश्वास किया करते थे और आज फिर से ऐसा संयोग है कि तब के साथी जो विकास को नजदीक से जानते समझते हैं वे सभी हाईकमान के इर्द गिर्द आंख और कान दोनों तरह से अपनी भूमिका में हैं।

छत्तीसगढ़ के कांग्रेस की राजनीति में विकास उपाध्याय एक ऐसा नाम लोगों की जुबां पर बस गया है जिसके लिए लोगों की सिर्फ दुआएं ही निकलती है।राजनीति के भाग दौड़ के बीच भी चेहरे पर एक मुस्कुराहट लिए लोगों से मिलना व उनकी हर समस्या को हल करने अंतिम प्रयास तक लगे रहने की प्रवृत्ति ही है जो विकास को अन्य से हट कर पहचान दिलाती है। जिसका विरासत में कोई राजनैतिक अतीत नहीं रहा हो। जिसका कोई राजनीतिक गॉड फादर न रहा हो वो भला राजनीति में एक के बाद एक पायदान कैसे बढ़ता चला जा रहा है, यह देख आश्चर्य भी होता है। पर राहुल गांधी को इस मामले में दाद देनी पड़ेगी की उनकी नजर कभी धोखा नहीं खा सकती, न ही वे नवशिखिया नेता हैं। राहुल गांधी को अच्छी तरह से पता है कि कांग्रेस को कैसे लोगों की जरूरत है।जो काम करेगा उसको महत्व मिलेगा को साबित कर बता दिया कि विकास उपाध्याय जैसे कांग्रेस ब्लड ग्रुप वालों के लिए किसी सिफारिश या नेता विशेष गुट की जरूरत नहीं होती। बल्कि विकास उपाध्याय जैसे निष्ठावान कांग्रेस कार्यकर्ता ही कांग्रेस को अपने मेहनत के दम पर फिर से एक बार शतकों पुरानी इस पार्टी को खड़ा कर सकते हैं और यह बात राहुल गांधी अच्छी तरह से जानते हैं।

कांग्रेस की राजनीति को करीब से जनाने वालों को यह मालूम है कि कांग्रेस संगठन में एक छोटी सी नियुक्ति भी बगैर राहुल गांधी के सहमति के नहीं होती और विकास उपाध्याय को पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में राष्ट्रीय सचिव फिर असम चुनाव को देखते हुए वहाँ का प्रभारी बना कर असम के अंदर भी अपर असम की जिम्मेदारी विकास के जिम्मे में देना महज संयोग नहीं बल्कि विकास उपाध्याय पर एक विश्वास है। वहाँ का   समीकरण जो बयां कर रहा है असम में यदि कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी तो अपर असम ही है जहाँ का हार-जीत तय करने वाला है कि कांग्रेस गठबंधन को कितनी सीटें मिलती है।इसके बाद स्क्रीनिंग कमेटी में सदस्य के तौर पर विकास उपाध्याय को सम्मिलित करने के साथ ही स्टार प्रचारकों की सूची में वरिष्ठतम व्यक्तियों के बाद नाम जोड़ा जाना इस बात का साफ संकेत है कि विकास उपाध्याय का नाम राहुल गांधी के गुड बुक में दर्ज हो चुका है। अब इस युवा चेहरे को आगे बढ़ने के लिए रोक पाना किसी के वश की बात नहीं है। 

असम की जिम्मेदारी मिलते ही विकास उपाध्याय वहीं जा कर जम गए और पहला काम संगठन में मजबूती लाने को लेकर जिस तरह से काम करना शुरू किया असम कांग्रेस व कार्यकर्ताओं को जीवित करने का पहला पड़ाव था और यह अपने आप में एक चमत्कार था। घरों में जो बैठ गए थे विकास उपाध्याय की मेहनत देख कांग्रेस के कार्यकर्ता बैठकों व चुनाव कैम्पेन में नजर आने लगे।असम चुनाव के नतीजे क्या आते हैं और बात है पर पूरे देश में कांग्रेस को जरूरत जिस बात की है वो है संगठन की मजबूती। जिला से ब्लाक स्तर पर संगठन यदि एक बार मजबूत हो जाये तो कांग्रेस को कोई रोक नहीं सकता। छत्तीसगढ़ का कार्यक्षेत्र छोड़ पार्टी का धर्म पालन करने तब से विकास उपाध्याय असम में लगातार जमे हुए हैं।अब जरूरत है विकास को छत्तीसगढ़ सरकार में ऐसा महत्व मिले की जनहित से जुड़े मामलों का निपटारा उनके बोलने मात्र से ही हो जाये। इसलिए कि इस बात की संभावना अब ज्यादा है कि विकास की क्षमताओं का उपयोग पार्टी हाईकमान असम के बाद अन्य राज्यों में भी ले सकती है ऐसे में अपने खुद के विधानसभा को मजबूत बनाये रखने विकास उपाध्याय को प्रशासनिक रूप से मजबूती की जरूरत होगी।

 

लेखक:- ब्रजेश सतपथी