झीरम घाटी के सहादत स्थल को कांग्रेस नेताओं की याद में स्मारक के रूप में विकसित करने दुर्गेश राय ने इमोशनल वीडियो शेयर किया।
सुकमा। प्रदेश युवा कांग्रेस महासचिव व पूरे बस्तर क्षेत्र के युवा वर्ग में खासी पैठ रखने वाले कांग्रेस नेता दुर्गेश राय ने झीरम घाटी के उस सहादत स्थल में भी राजीव गांधी के जयंती 20 अगस्त को जिस तरह से 22 जिलों में कांग्रेस भवन बनाने भूमि पूजन किया जाएगा। यहाँ भी कांग्रेस के शहीदों के याद में भव्य स्मारक बनाने शिलान्यास की नींव रखे जाने की मांग दुहराई है।
कांग्रेस नेता दुर्गेश राय झीरम घाटी में शहीद हुए कांग्रेस नेताओं की उस दिन घटना के कुछ देर पहले सुकमा में बिताये यादों को भुला नही पा रहे हैं,जब वे खुद सुकमा के गेस्ट हॉउस में कांग्रेस के उन तमाम नेताओं को अपने हाथों से खाना परोसा था। दुर्गेश बताते हैं, उस दिन भोजन के बाद कांग्रेस के तमाम नेतागण सुकमा से जगदलपुर के राह पर निकल चुके थे बिलम्भ हुआ था तो विद्याचरण शुक्ल जी को परन्तु उनकी गाड़ी इतनी तेजी से आगे बड़ी की कुछ ही समय में वे घाटी के समीप पहुँच गए वरना थोड़ा और विलम्भ हो जाता तो वे बच जाते जैसे वर्तमान में विधायक देवेन्द्र यादव बच गए। दुर्गेश उस दिन की वाक्या को याद कर बताते हैं, देवेन्द्र यादव के साथ कुछ और लोग थे जो सुकमा से कुछ और भी विलम्भ से निकले वो भी ऐसे की दुर्गेश उनका मोबाइल नम्बर नोट करने में लग गए थे और देवेन्द्र व साथियों को वहाँ से निकले और देर हो गया। जब वे रास्ते में थे, घाटी के काफी पहले ही नक्सलियों ने पेड़ काट कर रोड़ ब्लॉक कर दिया था और तभी इनको माजरा समझ आया और ये सुरक्षित बच गए।
झीरम घाटी के इस बड़े हमले में नक्सलियों ने 25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ के प्रथम पंक्ति के तमाम नेताओं समेत 27 कांग्रेस के कई नेताओं की निर्मम हत्या कर दी थी। तब इस घाटी का मुख्य मार्ग बहुत ही जर्जर था। बाद में रोड़ का निर्माण हुआ और नया रोड़ के निर्माण के बाद उस सहादत स्थल का नक्शा ही बदल गया। कोई अनजान उस रोड़ में सफर करे तो आसानी से ये अंदाजा नहीं लगा सकता कि वास्तविक घटना स्थल कौन सा है। इस बार 25 मई को कुछ कांग्रेस के लोगों ने शहीद नेताओं के नाम अंकित कर एक पट्टिका जरूर लगा दिए हैं।
दुर्गेश राय शुरू से इस बात की माँग कांग्रेस के विभिन्न मंच में उठाते रहे हैं कि झीरम घाटी में कांग्रेस के शहीद नेताओं की याद में भव्य स्मारक का निर्माण किया जाए परन्तु आज परियंत तक इस दिशा में कोई पहल नही हो सकी है। दुर्गेश राय जब कल इस घाटी से गुजर रहे थे तो वे वहाँ काफी समय तक रुक कर शहीदों को याद कर एक बहुत ही इमोशनल वीडियो शेयर किया था और फिर से एक बार अपनी मांग को दोहराते हुए कहा है, 20 अगस्त को राजीव जी के जयंती के दिन जब 22 जिलों में राजीव भवन का निर्माण करने भूमिपूजन हो ही रहा है तो झीरम के शहीदों के याद में इस घाटी के सहादत स्थल को भी युगों युगों तक यादगार बनाये रखने भव्य स्मारक के लिए भी शिलान्यास किया जाए।