आम जनता की जनआकांक्षा इस बार विकास उपाध्याय को मंत्री के रूप में देखने की है ...
रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनाव इस बार कई मायने में महत्वपूर्ण है, जहाँ कई युवा उम्मीदवार दूसरी बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं तो कई नेता ऐसे भी हैं जिनका यह चुनाव उनके राजनीतिक जीवन का अंतिम चुनाव होगा। ऐसे में खासकर रायपुर पश्चिम विधानसभा की बात करें तो लोगों के बीच यह आम धारणा बन गई है कि कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय इस बार सरकार में केबिनेट मंत्री हर हाल में बनेंगे। लोगों की जनआकांक्षा भी यही नजर आ रही है कि वे विकास उपाध्याय को विधायक बनाने के साथ-साथ केबिनेट मंत्री के रूप में भी देखना चाहते हैं और यही वजह है कि उनके प्रति लोगों का जबरदस्त झुकाव दिख रहा है।
रायपुर पश्चिम के कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय ऐसे युवा नेता हैं जो अपने राजनैतिक जीवन के बहुत कम समय में पार्टी के संगठनात्मक उन ऊँचाईयों को छूने कामियाब हुये हैं जो आज तक किसी और को नहीं मिला। पार्टी ने जब उन्हें संगठन से हटकर चुनाव मैदान में साल 2013 के चुनाव में जब उतारा तो किसी ने सोचा नहीं था कि उनका प्रदर्शन इतना बेहतरीन होगा। इसलिए तब के चुनाव में भाजपा के कद्दावर मंत्री राजेश मूणत के जीत की चर्चा के बजाय विकास उपाध्याय की चर्चा इस विधानसभा में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में होते रही और उन्होंने साल 2018 के चुनाव में यह साबित कर दिखाया कि वे किसी भी कद्दावर नेता को चुनाव हरा सकते हैं और उन्होंने 2013 के हार का बदला तीन गुना ज्यादा मतों से जीत कर दिखाया।
विधानसभा से लेकर पूरे प्रदेश में तब इस बात की चर्चा होते रही कि विकास उपाध्याय को सरकार में मंत्री बनाया जाएगा, परन्तु जिस तरह से साल 2018 के चुनाव में काफी संख्या में कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव जीतकर आये, एक वजह तो रही साथ ही यह भी कारण माना जाता है कि कई ऐसे वरिष्ठ कांग्रेस के नेता जो चुनाव जीतकर आये उन्हें मंत्री मण्डल में शामिल किये जाने की मजबूरी भी रही। चूंकि विकास उपाध्याय पिछले चुनाव में पहली बार विधायक बने थे इसलिए भी केबिनेट में स्थान बना पाने वे एक तरह से जूनियर ही साबित हुए। परन्तु इस बार के चुनाव में पश्चिम विधानसभा की जनता यह मान चुकी है कि इस बार विकास उपाध्याय हर हाल में मंत्रीमण्डल में स्थान मिले। लोगों की जनआकांक्षा भी यही है कि विकास उपाध्याय हर दृष्टिकोण से मंत्री बनने के काबिल हैं, यही सोचकर उन्हें वोट देने की तैयारी है।
बता दें कि प्रदेश के कुल बचे 70 सीटों के लिए 17 नवम्बर को वोट डाले जाएंगे और पूरे प्रदेश में इन सीटों पर चुनाव प्रचार अपनी चरम सीमा पर है, इसमें पश्चिम विधानसभा भी एक ऐसा सीट है जिसे हाईप्रोफाईल माना जा रहा है। पिछले चुनाव में विकास उपाध्याय के निकटतम प्रतिद्वंदी रहे राजेश मूणत को ही भाजपा ने इस बार फिर से प्रत्याशी बनाया है, इसलिए भी यह चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है। विकास उपाध्याय अपने व्यवहार पर पूरे विधानसभा में लोगों के दिलों में राज करते हैं, उनके जनसंपर्क में जूट रही अपार भीड़ इस बात की गवाही देती है कि उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं है। लोगों का अनुमान है कि विकास उपाध्याय इस चुनाव में फिर से भारी बहुमत से चुनाव जीत रहे हैं।