स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव का विवादित बयान व कार्यप्रणाली कहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से उनको दूर तो नही कर रहा है

स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव का विवादित बयान उनके खुद के हताशा का कारण तो नही जो उनके खंडन से दब जाए।

स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव का विवादित बयान व कार्यप्रणाली कहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से उनको दूर तो नही कर रहा है

रायपुर, पूरे विश्व में कोरोना संक्रमण की छाया जब से पड़ी है।इस काल ने भारतीय राजनीति से जुड़े नेताओं को भी एक नए कलेवर में ढाल दिया है। बहुत कम ऐसे नेता हैं जो जमीनी हकीकत से रूबरू होने संक्रमित जगहों में स्वयं उतर कर इस विपदा के साथ खड़े नजर आ रहे हैं, बल्कि जिम्मेदार कुछ मंत्री ऐसे हैं जो प्रतिदिन मीडिया को अपने बंगले में बुला कर तरह तरह के बयान के साथ वीडियो के माध्यम से वक्तव्य जारी कर ही छाये रहने सक्रियता का प्रयास कर रहे हैं। इसमें भूपेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव की गिनती प्रथम पंक्ति में सुमार है,जो कोरोना के लिये प्रतिदिन जितना कुल टेस्ट हो रहा है। उसी के बराबर मीडिया के लोगों से बात करते हैं, ये बात और है कि उनके सभी खबर छप नही पाती या दिखाई नही जाती पर इस बार ये उनके लिए भारी पड़ता नजर आ रहा है। जिसमें उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में दस लाख लोग कोरोना संक्रमित हो सकते हैं और छह हजार लोगों की मौत हो सकती है। हालांकि उन्होंने इस बयान का खंडन कर इस बात से साफ इनकार किया है।

छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार की गठन के बाद उनके खुद के कुशल कार्यप्रणाली को लेकर जैसे जैसे अंक बढ़ते नजर आ रहे हैं। उनके खुद के ही मंत्री सीमित संख्या में सिमटी विपक्ष को ऐसे समय में बोलने का मौका देने बाज नही आ रहे हैं जब पूरा विपक्ष भूपेश बघेल के सामने कोमा में है और ये स्थिति तब पैदा हुई जब स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का एक विवादित बयान सामने आया जिसमें उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में दस लाख लोग कोरोना संक्रमित हो सकते हैं और छह हजार लोगों की मौत हो सकती है। हालाकि यह पहला मौका नही था जब उनका इस तरह का बयान आया है। बहरहाल स्वास्थ्य मंत्री ने सफाई देते हुए मीडिया को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। सिंहदेव ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। विशेषज्ञों की रिपोर्ट में जो बातें कही जा रही थी उसका जिक्र किया था। ये बात और है कि विशेषज्ञों के रिपोर्ट का भी यदि आंकलन किया जाए तो भी छत्तीसगढ़ के लिये ये स्थिति बनते नही दिखती। सिंहदेव के बयान के बाद विपक्ष में बैठी सीमित संख्या में भाजपा को सरकार के खिलाफ बेवजह बोलने का मौका मिल गया। भूपेश बघेल के खिलाफ जो विपक्ष कुछ बोलने के पहले बगल झांकते नजर आती है। उसी पार्टी के एक पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने इस पूरे मामले में सरकार से सफाई की मांग की है।जबकि पूरे कोरोना काल में राजेश मूणत एक दिन भी कहीं नजर नही आये इसलिए भी की उनके विधानसभा क्षेत्र रायपुर पश्चिम में 24 घंटे सक्रिय रहने वाले वर्तमान कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय ने उनको कोई मौका ही नही दिया। वहीं भूपेश सरकार में ही कई मंत्री ऐसे भी हैं जो अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं।कुछ मंत्री कई बार व्यवस्था का सही अमल हो रहा है कि नही का जायजा लेने रोड़ पर नजर आते दिखते हैं और आम जनता से भी रूबरू होते रहते हैं। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मो. अकबर, आबकारी मंत्री कवासी लखमा व नगरी निकाय मंत्री शिव डहरिया जैसे नाम ऐसे हैं जो कई मौके में लगातार सक्रिय नजर दिखाई देते हैं तो कई और मंत्री ऐसे भी हैं जो नजर ही नही आये। तमाम परिस्थिति के बावजूद अपनी जिम्मेदारी समझते हुए स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लगातार सक्रियता व उनके द्वारा बनाई गई टीम के लोग अंदर अंदर तक जनता के बीच जा कर बगैर ढिंढोरा पीटे काम कर रहे हैं एवं पूरे कोरोना काल को नियंत्रण करने महती भूमिका निभा रहे हैं। सूत्रों के हवाले से ये बात भी सामने आई है कि इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार  बैठकें कर कांग्रेस के लोगों व जनप्रतिनिधियों से लगातार मिल रहे हैं। ऐसे लोग जो अपने आपको उपेक्षित महसूस कर रहे थे उन कांग्रेस के कार्यकर्ताओं तक अपनी बात पहुंचाने की रणनीति ने उनके मजबूत नेतृत्व को और भी प्रगाढ़ कर दिया है और पूरा कांग्रेस उनके साथ खड़े नजर आ रहा है। कोरोना काल के बीच राजीव गांधी के जयंती के दिन " राजीव किसान न्याय योजना" लॉन्ज कर भूपेश बघेल ने पूरे विपक्ष व विरोधियों के चारों खाने चित्त कर दिए और ऐसा कर उन्होंने प्रदेश के पूरे किसान को भी लाभान्वित कर अपने पक्ष में करने सफल हुए हैं, तो इस बीच सिंहदेव के विवादित बोल ने कई राजनैतिक मायने निकाले लोगों को मजबूर कर दिया है। प्रवासी मजदूरों के आने के पहले तक जो छत्तीसगढ़ पूरी तरह से कोरोना संक्रमण से पूरी तरह नियंत्रण में था पर इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की बदइंतजामी की पोल खुलती नजर आ रही है। जबकि ये मालूम था कि मजदूरों के आने के बाद संक्रमण बढ़ने का पहले से अंदेशा था और अब तो ये भी कहा जा रहा है की इसका ठीकरा मुख्यमंत्री पर मढ़ने ये सब व्यूह रची जा रही है। बताया तो ये भी जाता है कि सब जानते हुए भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, सिंहदेव के वरिष्ठता के चलते स्वास्थ्य विभाग में कोई हस्तक्षेप नही करते वरना इस विभाग में बहुत अच्छा कार्य नही हो रहा है। अधिकांश रोड मैप कागजों तक ही सीमित है और लगातार इस बात की शिकायत भी पहुँच रही है। जिसकी अब पोल खुलते नजर आ रही है। मुख्यमंत्री को भी इसकी जानकारी दी जा रही है। ठीक एन वक्त में स्वास्थ्य मंत्री के बयान ने और भी लोगों में दहसद ला दी है। अच्छी बात ये है कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ की तुलना में बाकी राज्यों में कोरोना संक्रमण की स्थिति गंभीर है और संख्या बढऩे के बाद भी छत्तीसगढ़ की स्थिति नियंत्रण में है, परन्तु ये कहीं वर्चस्व की लड़ाई साबित हुई तो छत्तीसगढ़ के लोगों को इसका खमियाजा भुगतना न पड़ जाए। लोगों के बीच ये भी चर्चा जोरों पर है कि मुख्यमंत्री इसके बावजूद सिंहदेव को लेकर कोई बयान नही दिया ये उनके बड़प्पन को इंगित करता है और वे अपने कार्य मे ही लगे रहने विश्वास रखते हैं। अभी तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का एक भी बयान ऐसा नही आया जिससे जनमानस में कोई भय का वातावरण बने और प्रदेश की जनता को शायद 15 साल बाद ऐसे ही किसी मुख्यमंत्री की तलाश थी जो सच साबित होते नज़र आ रही है।