राम मंदिर निर्माण के मुद्दे में कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय की मुहिम ने जहाँ छत्तीसगढ़ कांग्रेस को एक नई दिशा दी वहीं भाजपा बैकफुट पर खेलते नजर आई...

भगवान राम के जस गीत में विधायक विकास उपाध्याय इस कदर रम गए कि घंटों मंच पर थिरकते रहे

राम मंदिर निर्माण के मुद्दे में कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय की मुहिम ने जहाँ छत्तीसगढ़ कांग्रेस को एक नई दिशा दी वहीं भाजपा बैकफुट पर खेलते नजर आई...

 ब्रजेश सतपथी

विधायक एवं संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने राम जन्म भूमि में राम मंदिर निर्माण को लेकर जो मुहिम चलाया वाकई किसी सुलझे हुए एक राजनीतिज्ञ की कार्यशैली को दर्शाता है। जिस कांग्रेस ने अतीत में राजीव गांधी के माध्यम से इसकी बुनियाद रखी उसी को ही देश की जनता को बताने कांग्रेस कंजूसी कर रही थी या कहें मोदी के भारी भरकम व व्यापक ब्रांडिंग के सामने इसे भुला दी थी कि राम मंदिर के इतिहास में कभी राजीव गांधी की भी अहम भूमिका रही है। ये हिन्दुत्व क्या है? कांग्रेस क्या हिंदूवादी सोच से परहेज करती है, कतय नहीं पर भाजपा ने ऐसा प्रचार कर जनता की नजर में कांग्रेस को ऐसा बना दिया है और इसके बचाव में कांग्रेस का कोई नेता तथ्य के साथ कभी नहीं आया और एक के बाद एक कर पूरे देश मे कांग्रेस सत्ता से दूर होते चली गई।

आज मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के अयोध्या में मंदिर निर्माण की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रख पूरे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले भारतीय हिंदुओं के मन में भी वो अमिट छाप छोड़ दिया है, जो पता नहीं कितने अनंत समय के लिए स्थाई हो कर रह जाये। इस बात का अंदेशा ऐसा नहीं कि कांग्रेस के बड़े नेताओं को नहीं है, बल्कि ग्रामीण स्तर पर काम करने वाले एक-एक कांग्रेस कार्यकर्ता के मन में भी है, तो आखिर कांग्रेस के बड़े नेता इसे लेकर खुल कर सामने कभी आते क्यों नहीं हैं! आते भी हैं तो भाजपा से लड़ने के मूड़ में या फिर अप्रत्यक्ष रूप से मानो वे हिन्दुत्व का छुप कर समर्थन करते हैं।

इन सब के बावजूद छत्तीसगढ़ से एक युवा कांग्रेस के विधायक विकास उपाध्याय ने तमाम अटकलों का परवाह किये बगैर इस बार राम मंदिर के मुद्दे को लेकर जो मुहिम चलाया वाकई तारीफे काबिल है,बल्कि ये कहा जा सकता है यह एक सुलझे हुए किसी राजनीतिज्ञ की भांति था। विकास उपाध्याय ने जिस तरह से इतिहास के पन्नों से राजीव गांधी को खोज वर्तमान के पटल पर ला कर रख दिया और बता दिया कि कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी एक ऐसे सख्स थे जिन्होंने भारत देश को एक राम राज्य की तरह देखना चाहते थे। देखना ही नहीं बल्कि राम जन्मभूमि में पूजा पाठ करने वही पहले नेता थे जो इसके दरवाजे खुलवाये। पर कांग्रेस इस बात को कालांतर में बोलना भुला दी और कांग्रेस से ये मौका छिनता चला गया और भाजपा ये प्रचारित करने सफल रही कि कांग्रेस राम जन्मभूमि में राम मंदिर निर्माण के लिए बाधक है।

छत्तीसगढ़ की धरती को भगवान राम की माता कौशल्या की जन्म स्थली माना जाता है, पर इस बात का प्रचार तब हुआ जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बात को जोरशोर से सिर्फ कहा ही नहीं बल्कि देश के इस एक मात्र मंदिर को भव्य रूप में बनाने की घोषणा भी कर दी। इसका मतलब साफ है कि कांग्रेस भगवान राम का भक्त है।कांग्रेस भी राम भगवान के आदर्शों को स्वीकारती है। बावजूद कांग्रेस की छबि अयोध्या के राम मंदिर को लेकर जनता के मन में ठीक उलट है। वहाँ कांग्रेस को विरोधी के रूप में देखा जाता है और ये मान लिया गया है कि अयोध्या के राम भाजपा के हैं। इससे साफ है कि कांग्रेस अपने मुहिम में अपने कार्यशैली में कहीं न कहीं कमजोर है और कांग्रेस को अब विधायक विकास उपाध्याय जैसा सोच वाला नेता चाहिए जो कोई बात करे तो जनता उसकी बात को विश्वास करे।

विकास उपाध्याय ने हाल ही के कुछ दिनों में राम मंदिर के मुद्दे को लेकर कांग्रेस का पक्ष जिस अंदाज में रखा भले उसके लिए भाजपा के कुछ अनुवांशिक संगठनों का टीका टिप्पणी सुनने मिला पर जो आम लोग हैं उनका विकास उपाध्याय को, कांग्रेस को जबरदस्त समर्थन मिला। सबसे बड़ी बात विकास उपाध्याय इस मुहिम में कहीं रुके नहीं, भाजपा के विरोध में जो बोलना था उसे भी प्रभावी ढंग से बोला इसके जवाब में भाजपा के दिग्गज सफाई देते देखे गए। इतना ही नहीं बल्कि पूरे माहौल को राम मय बनाने उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी चाहे लोगों के बीच दिया बाँटने का हो या फिर भगवान राम से जुड़ी भजन कीर्तन से लेकर सुंदर काण्ड का पाठ तक। उन्होंने तो राम धुन में जिस तरह से निश्छलता के साथ नृत्य किया उससे तो कई भाजपाइयों के विचार भी बदल गए होंगे। इतना ही नहीं विकास की मुहिम को देख छत्तीसगढ़ के कोने कोने में कांग्रेसियों ने उन्हीं के तर्ज पर राम धुन में रम गए और उनके बैनर पोस्टर के स्लोगन को भी लोग टैग करते देखे गए। छत्तीसगढ़ में पहली बार ऐसा लगा राम मंदिर निर्माण में कांग्रेस भाजपा से कहीं आगे निकल गया है।