सोनिया गांधी के समक्ष विधायक विकास उपाध्याय संगठन की मजबूती को लेकर बोलते रहे और वो 25 मिनट तक एक टक सुनती रहीं...

सोनिया गांधी के समक्ष विधायक विकास उपाध्याय संगठन की मजबूती को लेकर बोलते रहे और वो 25 मिनट तक एक टक सुनती रहीं...

उदयपुर(राजस्थान)।छत्तीसगढ़ के युवा विधायक और AICC सचिव विकास उपाध्याय को उदयपुर में तीन दिवसीय कांग्रेस के चिंतन शिविर के लिए बनी संगठन मामलों वाले कमेटी में सम्मिलित किये जाने के बाद आज सोनिया गांधी के समक्ष बोलने का मौका मिला और उन्होंने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि विकास उपाध्याय ने कमेटी के समक्ष अपनी बातों को इतने प्रभावशाली ढंग से रखा कि कमेटी में सम्मिलित कुल 38 सदस्य में से जितनों को बोलने का आज मौका मिला उसमें से सबसे ज्यादा 25 मिनट तक विकास उपाध्याय ही बोलते रहे।उन्होंने जमीनी स्तर से किस तरह पार्टी को मजबूत करने की जरूरत है को लेकर कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। विकास उपाध्याय ने सोनिया गांधी द्वारा कर्ज चुकाने की बात को अपने संबोधन में सम्मिलित करते हुए इसे कुछ इस तरह से अभिव्यक्त  किया कि पल भर के लिए सभी सदस्य भावुक हो उठे और सोनिया गांधी स्वयं विकास उपाध्याय की बातों को ध्यान से सुनती रहीं।

उदयपुर में आज से शुरू हुए कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतन शिविर के पहले दिन आज कांग्रेस नेताओं को संबोधित करते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार फिर संगठन को मजबूत करने की अपील पार्टी कार्यकर्ताओं से की है।उन्होंने कहा कि हाल में मिली नाकामयाबियों से हम बेखबर नहीं हैं। हर बार हमारे संगठन ने असरदार प्रतिक्रिया दर्शायी है। असाधारण परिस्थितियों का मुकाबला असाधारण तरीके से किया जा सकता है। इस बात के प्रति मैं पूरी तरह सचेत हूं। हर संगठन को न केवल जीवित रहने के लिए बल्कि बढ़ने के लिए समय-समय पर अपने अंदर परिवर्तन लाने होते हैं। हमें सुधारों की सख्त जरुरत है। रणनीति में बदलाव, रोजाना काम करने में परिवर्तन ये सब बुनियादी मुद्दा है।सोनिया गांधी का संबोधन पार्टी संगठन को मजबूत करने किस तरह के तरकीब अपनाई जाए पर केंद्रित था साफ दिखाई दे रहा था।

कांग्रेस के इस चिंतन शिविर को लेकर जो खास बात आज रही वह यह कि कुल 6 महत्वपूर्ण समिति में से एक संगठन का जिसके अध्यक्ष कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक हैं। जिसमें शुरुआत में तो अजय माकन, तारिक अनवर, रमेश चेन्निथाला, रणदीप सुरजेवाला, अधीर रंजन चौधरी, नेटा डिसूजा और मीनाक्षी नटराजन जैसे दिग्गज सम्मिलित थे उसमें कुछ और नेताओं को आज शामिल कर इसकी संख्या 38 हो गई है।इसमें एक नाम छत्तीसगढ़ के युवा विधायक विकास उपाध्याय का भी जुड़ गया,जो अपनी राजनीति की बुनियाद ही संगठन से शुरू की और संगठन में काम कर वह मुकाम हासिल किया जिसके गवाह खुद इस समिति के अध्यक्ष मुकुल वासनिक रहे हैं और आज तो मौका भी था सीधे पार्टी सुप्रीमो सोनिया गांधी के समक्ष सीधा आमने-सामने रूबरू हो कर बात करने का।जहां विकास उपाध्याय ने अपनी बातों से सभी बड़े नेताओं का दिल जीत लिया।

सूत्रों से पता चला कि विकास उपाध्याय ने अपने संबोधन में पूरे समिति के सदस्यों को कुछ इस तरह से बांधे रखा कि सोनिया गांधी खुद पूरे 25 मिनट तक एक टक उनकी बातों को और सुझाये टिप्स को सुनती रहीं।इतना ही नहीं अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी उनकी खुब तारीफ की। उन्होंने जब यह कहा कि उनका नाम तो उनके माता-पिता ने विकास उपाध्याय रखा पर उनको पहचान कांग्रेस पार्टी ने दी है और वे इसका अंतिम क्षणों तक कर्ज अदायगी नहीं कर पाएंगे।विकास उपाध्याय का पूरा राजनीतिक जीवन संघर्षपूर्ण रहा है।उनके परिवार में कोई भी सदस्य राजनीति से जुड़ा नहीं है वावजूद वे राजनीति में आने के बाद संगठन की मजबूती के लिए ही लगातार काम कर एक मुकाम हासिल की है। उनको बूथ स्तर से लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हाव भाव देख कर पार्टी के प्रति किसी के समर्पण को चंद मिनटों में पहचानने की अभूतपूर्व क्षमता है। इसलिए राजनीति में उनको कोई धोखा दे दे मुमकिन नहीं।

बताया जाता है कि विकास उपाध्याय ने आज पार्टी संगठन की मजबूती के लिए कुछ ऐसे सुझाव भी दिए जो कठिन हो सकते हैं पर है कटुसत्य कि कांग्रेस के बड़े नेताओं को भी एक बार सोचने मजबूर कर दिया। पर वे सोनिया गांधी के समक्ष धारा प्रभाव तर्क वितर्क के साथ उदाहरण प्रस्तुत कर एक-एक छोटी-छोटी बातों को भी रखने से परहेज नहीं कि और बोलते रहे। उन्होंने सोनिया गांधी के पार्टी के प्रति कांग्रेस नेताओं के कर्ज चुकाने की बात को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया रखी। उन्होंने कहा उनकी यह बात पूरे देश में कांग्रेस नेताओं को ही नहीं बल्कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी एक बार सोचने मजबूर कर दिया है।विकास उपाध्याय ने सोनिया गांधी के समक्ष कहा,आज वे कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और पार्टी के विधायक हैं तो सिर्फ इसके पीछे कांग्रेस पार्टी है और उनका सौभाग्य है कि इस कक्ष के अंदर उनके समक्ष आज उन्हें बोलने का मौका मिल रहा है।