कांग्रेस छोड़ कर गए पुराने नेताओं के घर वापसी की कवायद पंजाब से शुरू...
पंजाब।हाल ही के वर्षों में देश भर से कई कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़ कर अन्य पार्टियों में चले गए हैं। इनमें कई युवा चेहरे के अलावा सीनियर नेता भी शामिल हैं। जिन्हें पार्टी की मुख्य धारा से दोबारा जोड़ने कांग्रेस नेतृत्व ने कवायद शुरू कर दी है। इस नई पहल की शुरुआत पंजाब से की जा रही है। आलाकमान ने पंजाब में नवनियुक्त पीसीसी प्रमुख अमरिंदर राजा वडिंग को पारंपरिक पार्टी नेताओं को वापस लाने का काम सौंपा है।बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के कई नेता कांग्रेस छोड़कर चले गए थे। 2024 में संसदीय चुनाव होना है जिसे ध्यान में रखते हुए पार्टी आलाकमान ने यह कदम उठाया है। पता चला है कि प्रदेश का पार्टी नेतृत्व दल छोड़ने वाले नेताओं को सूचना भेज रही है।
इस नई पहल पर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष वडिंग ने कहा कि उन नेताओं से बात करने में कोई बुराई नहीं है जो कुछ वास्तविक शिकायतों के कारण चले गए थे, न कि उन लोगों से जिन्होंने पदों का आनंद लिया और फिर पार्टी छोड़ दी। उन्होंने कहा कि वह वर्तमान में राज्य भर के पार्टी नेताओं से मिल रहे हैं। पीसीसी प्रमुख उन नेताओं से भी मुलाकात कर रहे हैं जो नजरअंदाज किए जाने से खफा थे।अर्थात यह कवायद पूरी तरह से उस मुहिम का हिस्सा है जिसमें पार्टी नेताओं को नए सिरे से पार्टी में जोड़ कर रखा जाए। निश्चित रूप से यह पहल सफल हुआ तो कांग्रेस पार्टी को इसका फायदा मिलेगा। खास कर पंजाब जहाँ कांग्रेस की सरकार रही है और उन्हें मालूम है कि किन मुद्दों के सहारे अगले चुनावों में उतरा जाए।
पंजाब चुनावों से पहले एचएस हंसपाल, मोहिंदर सिंह कापी, रमन बहल, मलकीत सिंह दाखा, जगमोहन सिंह कांग, अमरीक ढिल्लों, जोगिंदर सिंह मान, केवल ढिल्लों, हरमिंदर जस्सी, केके बावा और दमन बाजवा सहित कई पारंपरिक कांग्रेसी नेता या तो अन्य पार्टियों में शामिल हो गए या फिर नजरअंदाज किए जाने पर घर बैठ गए। इस बीच खबर ये भी मिला था कि कुछ दिनों पहले पूर्व पीसीसी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने अमरीक सिंह ढिल्लों और सुरजीत धीमान जैसे निष्कासित नेताओं से मुलाकात की थी, जिन्हें पार्टी ने किसी न किसी कारण से बाहर का दरवाजा दिखाया था। एक अन्य वरिष्ठ नेता केवल ढिल्लों को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
हिंदुस्तान समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के अनुसार सीएलपी नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि इस प्रयास का उद्देश्य सभी नेताओं से मिलना और विपक्ष का मुकाबला करने के लिए एक संयुक्त मोर्चा बनाना है। साथ ही वडिंग और सिद्धू के बीच बैठक के लिए पृष्ठभूमि तैयार करने का प्रयास जारी है। पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष सुखविंदर सिंह डैनी वडिंग और सिद्धू को एकसाथ लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। बाजवा के आने वाले दिनों में सिद्धू से मिलने की भी उम्मीद है।