राहुल-प्रियंका से बैठक के बाद मुख्यमंत्री गहलोत की देश भर में क्यों हो रही है चर्चा...
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कहा कि मानवीय दृष्टिकोण से फैसला लिया गया है।बुढ़ापे में सरकारी कर्मचारी सुरक्षित रहें। सरकारी कर्मचारियों को भविष्य की चिंता न रहे। इसलिए पुरानी पेंशन योजना लागू की गई है।
नई दिल्ली।देश के पांच राज्यों में हो रहे चुनाव में कांग्रेस को पूर्ण भरोसा है कि इनमें से चार राज्यों में उनकी सरकार बन रही है।इसी को लेकर आज दिल्ली में मंथन हुआ और 10 मार्च को जब चुनाव के नतीजे आने शुरू होंगे तो आगे की रणनीति क्या होगी पर मुख्यमंत्री गहलोत ने राहुल और प्रियंका को विश्वास दिलाया है कि कांग्रेस विधायकों की राजस्थान में बाड़ेबंदी होगी तो कांग्रेस विधायक सुरक्षित रहेंगे। इस लिहाज से पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर के कांग्रेस विधायकों को राजस्थान में लाकर रखा जा सकता है।इस बीच मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर कहा,इसे लागू करने मानवीय दृष्टिकोण से फैसला लिया गया है।बुढ़ापे में सरकारी कर्मचारी सुरक्षित रहे। सरकारी कर्मचारियों को भविष्य की चिंता न रहे। इसलिए पुरानी पेंशन योजना लागू की गई है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रविवार को दिल्ली दौरे पर रहे और उन्होंने राहुल गांधी के निवास पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के साथ अहम बैठक की है। बैठक के बाद सीएम गहलोत ने मीडिया से कहा कि 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर मंथन हुआ है। क्या स्थिति रही और आगे क्या करना है, आने वाले समय में क्या रणनीति रहेगी पर विचार किया गया। उन्होंने कांग्रेस के सदस्यता अभियान को लेकर भी बातचीत होने की बात कही। सूत्रों के माने तो 5 राज्यों के विधायक प्रत्याशियों को कैसे सुरक्षित रखा जाए। इसको लेकर भी चर्चा हुई है। 5 राज्यों के चुनाव बाद भाजपा की कांग्रेस विधायकों में सेंधमारी के लिए किलेबंदी शुरू करने पर मंथन हुआ। इस बीच गहलोत ने सुझाव के साथ राहुल प्रियंका को विश्वास दिलाया है कि पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर के कांग्रेस विधायकों को राजस्थान में लाकर रखा जाता है तो वे सुरक्षित रहेंगे।
सीएम गहलोत पूरे देश में आज कल इस बात को लेकर छाए हुए हैं कि उन्होंने सरकारी कर्मचारियों के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिया है और उनकी राजस्थान ही नहीं अन्य राज्यों में भी प्रशंसा हो रही है। मीडिया से बात कर गहलोत ने आज भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि देश का संविधान खतरे में है। सरकार में फासीस्ट लोग हैं। देश ऐसे माहौल में जी रहा है। मीडिया दबाव में है। देश की जनता देख रही है। उन्होंने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कहा कि मानवीय दृष्टिकोण से फैसला लिया गया है। बुढ़ापे में सरकारी कर्मचारी सुरक्षित रहें। सरकारी कर्मचारियों को भविष्य की चिंता न रहे। इसलिए पुरानी पेंशन योजना लागू की गई है। सीएम ने कहा कि यदि कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी सुरक्षित महसूस नहीं करेगा तो वह सरकार में अपना योगदान कैसे करेगा? मानवाधिकार आयोग ने भी टिप्पणी की है कि केन्द्र सरकार को अपने निर्णय पर विचार करना चाहिये। ज्यूडिशरी के पे कमीशन इसे नहीं मान रहे, डिफेंस वाले इससे पहले ही अलग किए जा चुके हैं। मानवाधिकार आयोग खुद ये कह रहा है ऐसी स्थिति में लोग दो वर्ग में बंट गए हैं। इन सबको देखते हुए हमारी सरकार ने सोच समझ कर निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने मीडिया के समक्ष मोदी सरकार की नीति और नीयत को कटघरे में खड़ा किया। मोदी सरकार को फासीवादी करार दिया। सीएम ने कहा कि भाजपा को लोकतंत्र में यकीन नहीं है। संविधान में यकीन नहीं है। जिसके कारण देश के संविधान और लोकतंत्र को खतरा है। सीएम गहलोत ने दावा किया कि साहित्यकार, पत्रकार, लेखक सब दुखी हैं और मीडिया पर भी दबाव है।राजनीति के जादूगर कहे जाने वाले गहलोत राहुल प्रियंका से बैठक के बाद आज चर्चा के केन्द्र बिंदु बने रहे।