राज्य सरकारों को श्रेय न मिले इसलिए वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराया, अब खुद युवाओं को मुफ्त में वैक्सीनेशन की घोषणा की - विकास उपाध्याय

मोदी का राष्ट्र के नाम संदेश अपनी सरकार की असफलता का डैमेज कंट्रोल है।देश में पहली दफा ऐसा हुआ कि कोई सरकार महामारी से लड़ने असफल साबित हुई - विकास उपाध्याय

राज्य सरकारों को श्रेय न मिले इसलिए वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराया, अब खुद युवाओं को मुफ्त में वैक्सीनेशन की घोषणा की - विकास उपाध्याय

रायपुर। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आज राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद मोदी सरकार पर हमला बोला है।उन्होंने इसे पूरी तरह से केन्द्र की भाजपा सरकार का डैमेज कंट्रोल बताया है। विकास उपाध्याय मोदी के इस बात से भी सहमत नहीं हैं कि आधुनिक विश्व में इस तरह की महामारी अभी तक आई नहीं, जबकि विश्व ने कई ऐसे महामारी देखें हैं जो कोरोना से कम नहीं था और भारत ने हमेशा इसमें विजय हासिल की है। पहली बार ऐसा हुआ है जब मोदी सरकार की नाकामियों के चलते लाखों की संख्या में देश के लोगों की जानें गई हैं। उन्होंने कहा, भारत ने 1897 में ही वैक्सीन बनाना शुरू कर दिया था जो कि प्लेग के लिए बनाई गई थी।

विकास उपाध्याय ने जारी बयान में कहा, प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्र के नाम संदेश में 21 जून से 18 से 44 वर्ष तक की उम्र वाले लोगों के लिए मुफ्त वैक्सीन की घोषणा इस बात का संदेश है कि वे अभी तक जान बुझकर राज्य सरकारों को इस उम्र के लिए वैक्सीन उपलब्ध कराने से रोक रहे थे। उन्हें डर था कि राज्य सरकारें अपने संसाधनों से इस वर्ग के लोगों को वैक्सीनेशन कर जीत हासिल कर लेंगे तो उनकी और भाजपा की देश भर में और भी ग्राफ गिर सकता है। विकास उपाध्याय ने प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्र के नाम संदेश को पूरी तरह से भाजपा की केन्द्र सरकार का डैमेज कंट्रोल बताया है। उन्होंने कहा, मोदी अपने पूरे संदेश में एक ही बात बोलते देखे गए कि यह महामारी बहुत ही भयावह थी जिसमें चिकित्सीय संसाधनों की ज्यादा जरूरत महसूस हुई। उन्होंने कहा, मोदी का यह कहना एक तरह से स्पष्ट है कि वे इस चुनौती को सामना कर पाने असफल रहे। परन्तु इस असफलता के लिए देश कभी उन्हें माफ नहीं करेगा।

विकास उपाध्याय ने भाजपा नेताओं को इतिहास के पन्नों को पलट कर देखने की बात करते हुए कहा, यह पहली बार नहीं है जब भारत में कोरोना के लिए देश में ही वैक्सीन बनाई गई। इसके पहले भी जब प्लेग का संक्रमण हुआ था तब 1897 में ही भारत ने इसके लिए अपने देश में वैक्सीन तैयार कर विश्व में अपना नाम दर्ज कर लिया था। इसके बाद 20वीं सदी के शुरूआती वर्षों तक 04 और वैक्सीन का निर्माण भारत में हो चुका है। जिसके चलते भारत ने चेचक मुक्त, पोलियो मुक्त की सफलता प्राप्त की है। निश्चित तौर पर समय के साथ संसाधन बढ़ते गए और आज कोरोना के लिए जिस तादात में वैक्सीन का निर्माण हो रहा है, स्वभाविक है। विकास उपाध्याय ने साफ शब्दों में कहा, भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब केन्द्र में भाजपा के सरकार रहती किसी महामारी से लड़ने मोदी सरकार असफल हुई।