फर्श से अर्श तक को परिभाषित करता बेदाग छबि के युवा नेता कोको पाढ़ी का राजनीतिक सफर...

फर्श से अर्श तक को परिभाषित करता बेदाग छबि के युवा नेता कोको पाढ़ी का राजनीतिक सफर...

दिल्ली डेस्क।सफलता के शिखर को छूना कोई आसान काम नहीं है। परिश्रम की आंच में तप कर लाखों कठिनाइयों को पार करने वाला ही ऊंचा उठता है।चंद महीनों या चंद साल में सफलताएं नहीं हासिल होती, उसके लिए एक लंबा सफर तय करना पड़ता है।बस्तर अंचल से आने वाले ऐसे ही एक युवा नेता पूर्णचन्द्र कोको पाढ़ी के सफलता की कहानी है जो आज छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश की राजनीति में भी अपने काबिलियत और अच्छे आचरण से सफलता की शिखर में चार चांद लगा कर इसे साबित करने में सफल है।आज उनके जन्मदिन पर चाहने वाले हजारों युवा साथी जिस तरह से उन्हें सोशल मीडिया, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक से लेकर ट्यूटर पर बधाई और अपना आदर्श मान रहे हैं।वर्तमान राजनीति के परिवेश में एक उदाहरण है।

कोको पाढ़ी का बचपन से लेकर आज तक का जीवन बस्तर अंचल के भानुप्रतापपुर में बिता जो कभी बीहड़ जंगलों के मध्य मावोवादियों का बसेरा हुआ करता था।आज भी यह अंचल इससे अछूता नहीं है, जो समय के साथ भले ही अब शहरी का शक्ल ले चुका है। पिताजी के साथ धरती मां की सेवा सत्कार के जरिये अन्नदाता की भूमिका में रहने वाले कोको पाढ़ी बताते हैं कि शुरुआती का दिन और वह समय बहुत ही संघर्षो के साथ बीता। तय नहीं था कि भविष्य में क्या करूंगा? लेकिन इतना जरूर यकीन था कि कुछ न कुछ तो बड़ा काम करना ही है जिससे समाज में एक नया संदेश जाए, जिसका आने वाली पीढ़ी भी अनुसरण करे।शुरुआती समय में तो पिता जी के छोटे से बिजनेस में हाथ बटाता रहा पर इससे हट कर कुछ करने की इच्छा ने धीरे-धीरे टीम लीडर की भावना उत्पन्न करते गया।

कोको पाढ़ी एक मिसाल हैं कि कैसे कोई इस परिवेश से उठ कर अपने आपको अन्य से हट कर अपनी प्रतिभा के दम पर छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी अपना सिक्का जमा सकता है।कोको वर्षों तक अपना संघर्ष जारी रख अपने क्षेत्र के सीमित क्षेत्र में ही काम करते रहे।फिर धीरे-धीरे जब राजनेताओं की चहलकदमी क्षेत्र में समय के साथ बढ़ते गई तो कोको का नाम बड़े नेताओं के जुबान पर भी आने लगा और उनकी एक अलग पहचान बनते चली गई।शुरू से कांग्रेस पार्टी की विचारधारा से पले बड़े कोको पार्टी के लिए काम करते चलते रहे और समय के साथ बस्तर से हट कर अन्य क्षेत्रों में भी उन्हें लोग जानने लगे।

कोको की काबिलियत और उनके काम करने के तरीके ने उन्हें कांग्रेस पार्टी में एक विशिष्ट पहचान और स्थान दिलाई। युवा कांग्रेस की राजनीति में छत्तीसगढ़ में पहचान मिलने के बाद वे राष्ट्रीय युवा कांग्रेस में कार्यवाहक सचिव फिर सचिव और 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के कुछ दिन बाद प्रदेश युवा कांग्रेस की कमान उनके हाथों सौंपा जाना कोको के लिए राजनीतिक दृष्टि से एक टर्निंग पॉइंट था और वे इस अवसर को किसी भी सूरत में खोना नहीं चाहते थे,जितना अधिक से अधिक मेहनत कर सकते थे उन्होंने संगठन की दृष्टि से किया और राष्ट्रीय नेतृत्व की पसंद बनते चले गए।जब उनका कार्यकाल तीन साल पूर्णता की ओर था उसके पहले ही वे राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के महासचिव बना दिये गए। आज वे राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के संगठन प्रभारी की हैसियत से पूरे देश के लिए काम कर रहे हैं।

कोको पाढ़ी के आचरण और व्यवहार की चर्चा कांग्रेस में ही नहीं दूसरे पार्टियों में भी होती है।विरोधी भी जब मजबूरी वश उनकी बुराई करते हैं तो उनकी बुराई में भी गलतियां नजर आती है।इसलिए कि वे किसी के कहने पर ऐसा बोलने विवश रहते हैं।आज वे अपने दम पर जितना हो सकता है,अपने से जुड़े लोग हों या फिर अनजान कोई और हो मदद करने तत्पर रहते हैं।कभी किसी की बुराई,आलोचना न कर विवादों से दूर रहने की कला तो कोई कोको से सीखे ।स्वच्छ छवि,बेदाग चेहरा,दिखावे की राजनीति से दूर कोको पाढ़ी युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास के अत्यंत ही विश्वास पात्र व भरोसे के व्यक्ति हैं।आज उनके जन्मदिन पर उनके चाहने वाले युवा कांग्रेस के साथी गण कई आयोजन कर उन्हें बधाई दे कर उत्सव मना रहे हैं।