पीएम मोदी के बाद क्या अब अमित शाह को प्रधानमंत्री बनाने की तैयारी है...!
दिल्ली डेस्क।लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का आज दूसरा दिन था।परंतु इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जिस तरह से भाग लेकर विपक्ष का जवाब दे रहे हैं,उससे तो अब यही लग रहा है की प्रधानमंत्री मोदी के बाद अमित शाह ही अगले उत्तराधिकारी हैं।संसद में जिस तरह से अमित शाह की सक्रियता देखी जा रही है,साफ बयां कर रही है की मोदी की अनुपस्थिति का एहसास सत्तारूढ़ पार्टी को बिल्कुल भी नहीं हो रहा है।इससे अब यह लगने लगा है की बीजेपी मोदी के नाम पर चुनाव तो लड़ेगी पर कहीं एनडीए बहुमत में आई तो मोदी खुद प्रधानमंत्री के लिए अमित शाह को आगे कर देंगे और शायद उनके नाम पर किसी को कोई आपत्ति भी नहीं होगी।
आज अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुरू की थी। राहुल गांधी ने मणिपुर का हवाला देते हुए कहा था कि 'पीएम मोदी और बीजेपी ने हिंदुस्तान की हत्या की है।उनका भाषण ख़त्म होने के बाद जवाब देने केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी सामने आईं और इसके बाद मोर्चा अमित शाह ने संभाला और उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष राजनीतिक उद्देश्य के कारण लाया है जबकि जनता को मोदी सरकार पर विश्वास है।
संसद में अमित शाह की कही बड़ी बातें सिलसिलेवार इस प्रकार रहा-
उन्होंने कहा,आज़ादी के बाद जनता में किसी सरकार में विश्वास है तो वो यह सरकार है।लगातार दो-दो बार दो तिहाई बहुमत से चुना गया। तीस साल के बाद पहली बार पूर्ण बहुमत की स्थिर सरकार देने का काम जनता ने दो बार किया। ये प्रधानमंत्री ऐसे हैं जो आज़ादी के बाद सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री हैं। ये मैं नहीं कहता बल्कि ये सर्वे कहता है। आज़ादी के बाद कोई छुट्टी लिए बग़ैर कोई प्रधानमंत्री है तो वो नरेंद्र मोदी हैं। आज़ादी के बाद सबसे अधिक किलोमीटर और सबसे अधिक प्रवास करने वाले प्रधानमंत्री हैं तो वो नरेंद्र मोदी हैं।
कांग्रेस की सरकार 35 सालों तक चली और कोई सरकार एक या दो फ़ैसले के लिए याद की जाती है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने नौ सालों में 50 से अधिक ऐसे फ़ैसले किए थे जिन्हें याद रखा जाएगा।नरेंद्र मोदी जी ने भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण को मिटाया, लेकिन परिवारवाद और तुष्टीकरण अभी भी दिखता है। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारा दिया है, भ्रष्टाचार क्विट इंडिया, परिवारवाद क्विट इंडिया और तुष्टीकरण क्विट इंडिया।उन्होंने कहा, अविश्वास का प्रस्ताव संवैधानिक प्रक्रिया है, उस पर मुझे कोई आपत्ति नहीं है। कई बार अविश्वास प्रस्ताव से गठबंधन के चरित्र उजागर होते हैं।
नरेंद्र मोदी जी ने ग़रीबी को लेकर कोई वादे नहीं किए क्योंकि उनके सीने में ग़रीब को लेकर दंश था। मोदी जी ने ग़रीब लोगों के घर में गैस का सिलेंडर भेजा और उनकी झोपड़ी को धुएं से मुक्त करने का काम किया। लोगों के घरों में शौचालय नहीं था लेकिन ग़रीब का दर्द 55 सालों तक इन्होंने (विपक्ष) नहीं जाना लेकिन मोदी जी ने इस दर्द को समझा और 9 साल के अंदर घरों में शौचालय की व्यवस्था की।
2004 से 2014 तक यूपीए ने 70 हज़ार करोड़ रुपये का किसानों का क़र्ज माफ़ किया। हम किसी को कर्ज़ लेने में विश्वास नहीं करते हैं, हमने किसानों के खाते में पैसे भेजे। देश के किसी भी घर में बीमारी आती है तो 5 लाख रुपये तक का इलाज हर परिवार को दिया जा रहा है। जिसमें 200 रुपये घर तक ले जाने के लिए भी हैं।
जनधन योजना जब हम लेकर आए तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमारा मज़ाक उड़ाया. हमने 49 करोड़ खाते खोले जिसमें ग़रीबों का 2 लाख करोड़ रुपये जमा है।