कांग्रेस में एक नेता ऐसा भी जो अपने नेता से करीबी होने को प्रचारित करने की अपेक्षा पार्टी में अनुशासित रहने को सर्वोपरि मानता है..

कांग्रेस में एक नेता ऐसा भी जो अपने नेता से करीबी होने को प्रचारित करने की अपेक्षा पार्टी में अनुशासित रहने को सर्वोपरि मानता है..

रायपुर(छत्तीसगढ़)।मौका था कल एक सरकारी कार्यक्रम में काफी अर्से बाद कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का छत्तीसगढ़ आगमन का जिसे लेकर 3-4 दिनों से जोरों की तैयारी की जा रही थी ताकि छत्तीसगढ़ में बीते तीन वर्षों में हुए विकास की एक-एक पहलुओं को एक साथ एक ही जगह दिखाया जा सके जिसे "छत्तीसगढ़ मॉडल" के रूप में देश भर में एक उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत किया जा रहा है और निश्चित तौर पर कांग्रेस सरकार में तैनात सरकारी अमले ने बहुत कम समय पर वो कर दिखाया जिसकी उम्मीद की जा रही थी।इन सब से हट कर इसका एक दूसरा पहलू भी है जिसे ध्यान देने के साथ ही उसे महसूस करने व समझने की बहुत जरूरत है।कल दोपहर 12 बज कर 10 मिनट से लेकर अब तक राहुल गांधी से जुड़े ऐसे अनगिनत तस्वीरें हैं जो सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं, तो रुक-रुक कर विभिन्न न्यूज पोर्टलों में समाचार के रूप में भी लोगों के बीच पहुंच रही है। इन सब से हट कर मेरे हाथ एक ऐसी तस्वीर लगी, जो किसी प्लेटफार्म पर अभी तक आई नहीं है न ही इस तस्वीर में मौजूद नेता की कोई चर्चा हो रही है। जबकि यही एक  ऐसी तस्वीर है जो दो नेताओं के Eye Contect के गहराई का बयां कर रही है कि संबंध प्रगाढ़ है और वह व्यक्ति कोई और नहीं युवा विधायक विकास उपाध्याय की है।

स्वतंत्र भारतीय राजनीति के जनक माने जाने वाले गांधी-नेहरू परिवार से संबंधित होने के कारण राहुल गांधी का सारा जीवन राजनीति के दांव-पेचों को देखते हुए ही बीता और आज जब पार्टी बुरी हालत से गुजर रही है ऐसे समय में पूरा भार उन पर है और इन्हीं परिस्थितियों ने उन्हें समय पूर्व परिपक्व भी बना दिया है,जहाँ वे उन चीजों को समझने थोड़ा भी विलम्भ नहीं करते कि किसी का उद्देश्य क्या हो सकता है। अपने करीबी दोस्तों के एक के बाद एक कर दूसरे पार्टी में जाने की घटनाओं ने उन्हें और मजबूत कर दिया है।पार्टी में युवा नेता होने के कारण राहुल गांधी खुले विचारों के साथ-साथ प्रगतिशील मानसिकता के व्यक्ति हैं। जो उन्हें एक समझदार और जुझारू नेता बना रही है और उनकी ये सब खूबी को वही जानता है जो उनके राजनीति के आरंभिक दिनों में करीब से देखा हो।

छत्तीसगढ़ में 2001 से 2003 तक तीन साल तक कांग्रेस की सरकार रही उसके बाद कांग्रेस लगातार सत्ता से बाहर रही।इसी बीच 2004 में राहुल गांधी ने यह घोषणा कर दी कि वह मई 2004 के चुनावों में पिता के पूर्व निर्वाचन क्षेत्र अमेठी से चुनाव लड़ेंगे।इस दौरान छत्तीसगढ़ की राजनीति के युवा टीम में बहुत कम लोगों की सोच रही होगी या कहें छत्तीसगढ़ के किसी बड़े नेता की रुचि कि दिल्ली की राजनीति में यहां के युवाओं को भी आगे बढ़ाया जाए।परंतु एक छात्र नेता अपने दम और कर्म पर उभर रहा था। कहते हैं न कि किसी में यदि प्रतिभा हो तो लाख कोशिशों के बाद भी उसे रोका नहीं जा सकता। ठीक वही बात विकास उपाध्याय पर लागू होती है,जो पार्टी की सेवा के लिए घर बार छोड़ सकने की माजदा रखता है। यही वह समय था जब विकास उपाध्याय को दिल्ली में सर बोलने और अनुशासन दिखने का मौका मिला।

विकास उपाध्याय ठीक इसी समय छत्तीसगढ़ प्रदेश में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बना दिये गए और उनका यह कार्यकाल छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों को आज भी याद है जब छात्र हित को लेकर किस तरह के आंदोलन व संगठन को मजबूत करने पूरे प्रदेश में अभियान चलाया गया। इसके बाद इन्होंने मुड़ कर पीछे कभी नहीं देखा और राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सम्मिलित होते गए वर्षों तक प्रदेश व घर से बाहर रहकर पार्टी की सेवा की।राष्ट्रीय युवक कांग्रेस में जब विकास को लिया गया तब वही समय था जब राहुल गांधी पूरे देश में युवा विंग को मजबूत करने की ठानी थी तब राहुल गांधी को पार्टी हाईकमान ने 24 सितंबर, 2007 को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति का सामान्य सचिव नियुक्त कर भारतीय युवा कांग्रेस और  NSUI के प्रभारी पद का भी भार सौंपा दिया। यही वो दौर था जब आज हमारे बीच युवा विधायक के रूप में मौजूद विकास उपाध्याय को वह सब सीखने को मिल गया था कि अपने लीडरशिप के सामने उनका व्यवहार क्या होना चाहिए। राहुल गांधी किस तरह की हरकत से चिढ़ते हैं। उनको किस तरह की राजनीति पसंद है। वे पदाधिकारियों से क्या अपेक्षा करते हैं..वह सब कुछ।

अब कल की उस तस्वीर पर नजर डालेंगे और गौर से देखेंगे तो साफ दिखाई दे रहा है कि राहुल गांधी स्पष्ट रूप से विकास उपाध्याय के नजर से नजर मिला कर कुछ बोल रहे हैं।निश्चित तौर पर कल जब स्वागत की कड़ी में कतार में रहे होंगे तो यह मुलाकात अन्य नेताओं की तरह हुई होगी पर जो भाव झलक रहे हैं।इस बात को बयां कर रहा है कि संबंध गहरे हैं। विकास उपाध्याय आज सरकार में संसदीय सचिव, पार्टी में राष्ट्रीय सचिव, असम के सहप्रभारी के साथ-साथ पंजाब के महत्वपूर्ण विधानसभा में पार्टी ऑब्जर्वर हैं और तो और जिस कार्यक्रम में राहुल गांधी उपस्थित थे वह स्थान भी उन्हीं के विधानसभा में आता है।चाहते तो अपने आपको जता सकते थे कि वो बड़े नेता हैं। क्षेत्रीय विधायक हैं और राहुल गांधी के करीब हैं पर उनकी सादगी और पार्टी फोरम के प्रति उनका अनुशासन ने सब का दिल जीत लिया।